Saturday, March 12, 2011

प्रिंटरस निकलत मृगौला जेहन कोनो अंग – बिज्ञान


प्रयोगशालामें अंग विकसित करयके दिशामें एक क्रांतिकारी प्रयोगके रुपमें एकटा प्रिंटरके द्धारा मृगौला जेहन महत्वपूर्ण अंग प्रिंट कएलगेल अछि ।
पुनरुत्पादक दवाइ प अनुंसधानस जुड़ल 'वेक फॉर्स्ट इंस्टिट्यूट' के डॉक्टर एंथोनी जे अटालाके कहब छन्हि जे अइ दिशा में आओर कामयाबी भेटला प अंगदानके समस्या समाधान भ जाएत ।
डॉक्टर अटाला आ हुनक दलके सदस्य कैलिफोर्नियामें एकटा कॉंन्फ्रेंसके समय थ्री-डी प्रिंटरस ई देखाबयके कोशिश केलनि जे केना क मृगौला जेहन कतेकौ अंग प्रयोगशालामें बनाओल जा सकैय ।
कॉंन्फ्रेंसमें प्रयोगके लेल डॉक्टर अटाला जे मृगौला तयार केलनि ओ ओकर प्रिंट तयार होबयमे करीब सात घंटाके समय लागल आ इ एकटा गुलाबी झिल्ली जका देखयमे आबिरहल कहलनि ।
ओ बतौलनि जे इ मशीन आ एकर प्रबिधि ठीक ओहिना काज करैत अछि जेना एकटा साधारण प्रिंटर काम करैत अछि ।
फर्क इ अछि जे अइ प्रिंटरमें कार्ट्रिज यानि स्याहीके जगह जीवित कोशिकाके प्रयोग कएलगेल अछि ।
डॉक्टर अटाला कहलनि जे प्रिंटरमें प्रयोग कएल जा रहल कोशिकाके नमूनाके लेल मानव शरीरस लेल गेल अछि। जाहिस मानव शरीरके लेल अपने आप कोशिकाके साँच प आधारित अंगके स्वीकार केनइ आसान होइत अछि ।
डॉक्टर अटालाके कहब छलनि जे इ प्रयोगके अखन शुरुआती अछि आ एना क तयार कएलगेल मैगौलाके अखन रोगीमे प्रत्यारोपित नहि कएल जा सकैय ।
हालांकि इ दल प्रयोगशालामें मूत्राशय बना चुकल अछि आ इ अंग करिब दस सालधरि रोगीके शरीरमें निक स काज करैत अछि ।

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