Saturday, September 17, 2011

सरकारके असगरे 'रिग्रुपिङ' आगु नहि बढाबय माओवादी नेताके चेतावनी


काठमाडौं, भादव ३१ । माओवादी प्रमुख सचेतक देवप्रसाद गुरुङ सरकार अन्य राजनीतिक दलसबसँग सहमति नहि कऽ एकलौटी किसिम सँ लडाकुके 'रिग्रुपिङ आगु बढाओत तऽ ओ अवैद्य हाएत दाबी केलनि अछि ।

ओ एकलौटी रुपमे रिगु्रपिङ करत तऽ ओहन काज संबैधानिक आ कानुनी मान्यता नहि पाओत आ ओइसँ राजनीतिमे आरो बडका  शंका उत्पन्न करत ठोकुवा केलनि । नेता गुरुङ 'रिग्रुपिङ' करयके काज बडका नहि भेलासँ  ओइसँ आगु मोडालिटी आ पुर्नस्थापना प्याकेज सहितक विषयमे प्याकेजमे सहमति जुटाबयके सुझाव देलनि ।

 रिपोर्टर्स क्लवमे आइ ओ कहलनि जे सरकार निर्माणके सन्दर्भमे माओवादी आ मधेसी मोर्चाबीच भेल ४ बुँदे सम्झौता राष्ट्रघाति आ राष्ट्रिय स्वाधिनतामे दिर्घकालिन प्रभाव पारय सकयके भेलासँ ओइके खारेज या संसोधन करयके  तर्क केलनि ।

ओ ४ बुँदे सम्झौतामे रहल राष्ट्रघाति बुँदा संशोधन नहि करयधरि आ लडाकुके हतियार राखल कन्टेनरके चाबी बुझाबयके निर्णय फिर्ता नहि होबयधरि अपने समूह सरकारमे कोनो हालतमे नहि जाएत  स्पष्ट केलनि ।

ओ ४ बुँदामे रहल १० हजार मधेसीके सेनामे समूहगत समायोजन कऽक अलगे यूनिटके रुपमे राखयके, सिडियोमे रहल अर्धन्यायीक अधिकार अन्त्य कऽ मधेसमे अलगे सुरक्षा संरचना निर्माण करयके, नगरिकता वितरणके सरल बनाबयके आ पडोसी राष्ट्रके पेन्डीङ रहल प्रस्तावके पारित करय जेहन बात राष्ट्रघाती भेल दावी केलनि ।

एमाले पोलिटब्युरो सदस्य प्रकाश ज्वाला सरकार निर्माणके क्रममे भेल ४ बुँदे सहमति कोनो हालतमे कार्यान्वयन होबय नहि देबयके घोषणा केलनि । ओ ४ बुँदे समझौताके राष्ट्रघातीके संज्ञा दैत ओइके खारेजीमे एमाले सबदिन आवाज उठबैत रहत आ ओइके कार्यान्वयन होबय नहि देब बतौलनि ।

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