Friday, December 09, 2011

'सभ्यता आ सदभाव नहि बिगडय जकाँ राज्य पुनर्संरचना होबय परत'


पोखरा, अगहन २३ । राष्ट्रपति रामवरण यादव नेपाली सभ्यता आ सदभाव नहि बिगडय जका राज्यपुनर्संरचना करय परत बतौलनि अछि ।

सब पक्षके जातियता, क्षेत्रियता आ बर्गियतासँ उपर उठि कऽ आगु बढय परत कहैत राष्ट्रपति यादव राज्यके संरचना राष्ट्रिय एकता कायम राखयके हिसावसँ करयमे जोड देलनि । 'भुगोल भाषा, संस्कृति, स्रोत तथा आर्थिक संभावनाके ध्यानमे रखैत संघियतामे जाए परत', काजीपोखरीस्थित कालिका बहुमुखी क्याम्पस उदघाटन करबाक क्रममे ओ आइ इ बात बतौलनि अछि ।

नेपाल दु पैघ देश बिचमे पुरान सभ्यता, हिमाल, पहाड आ तराई तथा सभ्य आ सम्य हिसावसँ मिल कऽ बनल समाज रहल यादव बतौलनि ।

६० बर्षक ईतिहासमे बेर बेर राजनैतिक परिवर्तन होइतो राजनैतिक स्थिरता होबय नहि सकलासँ देश बिकास करय नहि सकल हुनक कहब छलनि ।

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