काठमाडौं, पुस २५ । कांग्रेसक केन्द्रीय सदस्य रामशरण महत प्रधानमन्त्री बाबुराम भट्टराई विरुद्ध अविश्वासके प्रस्ताव आनब बतदलनि अछि । प्रधानमन्त्री पदमे बैसयके नैतिक हैसियत गुमा चुकल दाबी करैत ओ बहुमत हवइते अविश्वासके प्रस्ताव आनयके खुलासा कलनि ।
अविश्वासके प्रस्ताव आनयके बिषयमे दलसबवीच बिमर्श भऽ रहल कहैत आइ रिपोर्टर्स क्लवके साक्षात्कारमे महत एखुनक अवस्था जारी रहत तऽ अविश्वासके प्रस्ताव आनयके विकल्प नहि रहल धारणा रखलनि ।
महत सात बुँदे सहमतिमे सेना समायोजन सम्बन्धी सम्पूर्ण बात स्पष्ट भेल अवस्थामे माओवादी अखन आबि कऽ सहमति विपरीत पहिने दर्जा निर्धारण आ ६ हजार ५ सय सँ बेसी समायोजन चुनने लडाकुसबके कि करयके सहितक बखेडा कऽ क शान्ति प्रक्रिया रोक्ने आरोप लगबैत शान्ति प्रक्रियाके माओवादी दुधगर गाई बनौने दावी कएलनि ।
ओ सहमति करयके आ कार्यान्वयन नहि करयके माओवादीके पुरने चरित्र दोहराएल कहैत फाइदा भेला पर सम्झौता करयके आ आरो समय कार्यान्वयन नहि करयके माओवादीक चरित्र स्पष्ट भेल दावी कएलनि । महत माओवादी लडाकुके हैसियत सेनाके रुपमे नहि स्विकारल गेलासँ सेनाके समूगत समायोजन कोनो हालतमे होवय नहि सकत ठोकुवा कएलनि ।
माओवादी केने सशस्त्र द्वन्द्व इतिहासेके सबसँ महंग भेल दाबी करैत महत २० अर्ब रुपैयाँ खर्च, विकास निर्माणमे अवरोध, लोकतन्त्रमे अवरोध आ हजारौके मृत्युके मुल्य चुकौने आरोप लगौलनि ।
डा महत सहिद गेटसँ त्रिभुवनके सालिक हटावयके निर्णय इतिहासके मेटाबयके षड्यन्त्र भेल कहैत ७ सालके आन्दोलनमे त्रिभूवन साथ लेलासँ काग्रेस ओइके सम्मान करत बतौलनि ।
No comments:
Post a Comment