७ कार्तिक, काठमाडौं । सत्तारुढ एकीकृत नेकपा माओवादीक मोहन बैद्य किरण पक्ष व्यवस्थापिका संसदेमे सरकार भारतसँग केने द्धिपक्षीय लगानी प्रवर्द्धन तथा संरक्षण सम्झौता बिपाके विरोध केलक अछि ।
आइ संसदक बैसारमे माओवादी सभासद एकराज भण्डारी बिपा सम्झौता राष्ट्रहितमे नहि रहल बतौलनि । शान्ति आ संविधान निर्माण प्रक्रिया पूरा नहि भेल अवस्थामे कोनो समय राजनीतिक आन्दोलन होबय सकत कहैत ओ उद्योग बन्द होइतेमे क्षतिपूर्ति देबयके प्रावधानसहितक बिपा सम्झौता राष्ट्रहितमे नहि रहल बतौलनि । ‘डब्लुटिओ आ मिगा सम्झौता रहितो भारतके किया विशेष प्रकारक एहन सम्झौता करय परल ? कहि ओ प्रश्न कएलनि ।
ओ कहलनि भारतके विशेष सुविधा नहि दऽ क भारतसँ विशेष सुविधा लेबयके छल । माओवादी सभासद भण्डारी बिपा सम्झौता राष्ट्रिय हितमे रहल नहि रहल बिमर्श आ बहस कऽ कर मात्रे अनुमोदन करय सभामुखसँग माँग कएलनि ।
प्रमुख विपक्षी नेपाली कांग्रेसक सभासद रामशरण महत बिपा सम्झौतामे कोनो नयाँ विषय नहि भेल बतौलनि । राष्ट्रहितके ध्यानमे राखि कऽ बिपा सम्झौता करैत काल जुवा खेल्ने कहनाइमे आपत्ति जनबैत सभासद महत राष्ट्रिय हितमे जुवा खेल्उ नहि मिलत बतौलनि ।
अहिना एमाले नेता प्रदीप ज्ञवाली नेपालक प्राथमिकतामे परल २ सय मेगावाट विद्युत आयात, दोहोरा कर प्रणाली अन्त्य सहितक विषयमे कोनो प्रगति होबय नहि सकल आ नेपालक एजेण्डामे नहि रहल बिपा सम्झौतामे हस्ताक्षर भेल कहैतन असन्तुष्टि जनौलनि । वैदाशिक लगानी लाबय अहिसँ आगु भेल मिगा सम्झौता पर्याप्त रहल कहैत ओ काल्हि कोनो राजनीतिक आन्दोलन भऽ भारतीय उद्योगसब बन्द भेल तऽ नेपालके थामय नहि सकय जका क्षतिपूर्तिक माँग होबय सकत बतौलनि ।
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