आसिन १५, जनकपुरधाम । हिन्दुसबहक महान पावनि दशमीक आईसँ बिधिबत रुपमे शुरुवात भेल अछि ।
दशमीक आइ पहिल दिन कलस्थापना अर्थात कलशके स्थापना कएल जारहल अछि ।
कलश स्थापनाके लेल आई भिन्सर ८ बाजि क ३५ मिनेट शुभ रहल नेपाल पञ्चाड निर्णायक समिति जनौलक अछि । पहिल दिन माता शैलपुत्रीके पुजा कएल गेल अछि । पर्वतके राजा हिमालयके पुत्रीक रुपमे उत्पन्न भेलासँ शैलपुत्रीक नामसँ चिन्हल जाति अछि । राक्षस महिँसासुरक नष्ट केने माता दुर्गाके दशमीक दशो दिन बिभिन्न ९ टा स्वरुपक पुजा कएल जाति अछि ।
आजुक दिन उच्चपिठ, शक्तिपिठ तथा दुर्गा मन्दिर सहित लोकसब अपन अपन घरमे सेहो बालु पर जौ छिट क कलश स्थापना केलनि अछि । आइ छिटल जौ सँ जन्मल जयन्तीके बिजया दशमी दिन आशिर्बाद स्वरुप माथ पर लगाओल जाति अछि ।
अहि अवसरमे गाम गामसँ शहरधरि बिभिन्न ठाममे माता दुर्गाक माटि क प्रतिमा बना पुजा पाठ कएल जा रहल अछि । अहि वास्ते श्रद्धालुसबहक जनकपुरको राजदेवी मन्दिर, बौद्धीमाइ मन्दिर सहित नेपाल भारतका बिभिन्न दुर्गा मन्दिरहरुमा श्रद्धालुहरुको घुँईचो लागेको छ ।
अहि अबसरके अहुबेर जनकपुरक गोपाल धर्मशालामे सस्ता बजार लागल अछि ।
दशमीक आइ पहिल दिन कलस्थापना अर्थात कलशके स्थापना कएल जारहल अछि ।
कलश स्थापनाके लेल आई भिन्सर ८ बाजि क ३५ मिनेट शुभ रहल नेपाल पञ्चाड निर्णायक समिति जनौलक अछि । पहिल दिन माता शैलपुत्रीके पुजा कएल गेल अछि । पर्वतके राजा हिमालयके पुत्रीक रुपमे उत्पन्न भेलासँ शैलपुत्रीक नामसँ चिन्हल जाति अछि । राक्षस महिँसासुरक नष्ट केने माता दुर्गाके दशमीक दशो दिन बिभिन्न ९ टा स्वरुपक पुजा कएल जाति अछि ।
आजुक दिन उच्चपिठ, शक्तिपिठ तथा दुर्गा मन्दिर सहित लोकसब अपन अपन घरमे सेहो बालु पर जौ छिट क कलश स्थापना केलनि अछि । आइ छिटल जौ सँ जन्मल जयन्तीके बिजया दशमी दिन आशिर्बाद स्वरुप माथ पर लगाओल जाति अछि ।
अहि अवसरमे गाम गामसँ शहरधरि बिभिन्न ठाममे माता दुर्गाक माटि क प्रतिमा बना पुजा पाठ कएल जा रहल अछि । अहि वास्ते श्रद्धालुसबहक जनकपुरको राजदेवी मन्दिर, बौद्धीमाइ मन्दिर सहित नेपाल भारतका बिभिन्न दुर्गा मन्दिरहरुमा श्रद्धालुहरुको घुँईचो लागेको छ ।
अहि अबसरके अहुबेर जनकपुरक गोपाल धर्मशालामे सस्ता बजार लागल अछि ।