Saturday, December 26, 2015

तस्बिरमा २०१५ लाई हेर्दा

सीएनएनले वर्ष २०१५ का केही उत्कृष्ट तस्बिरको छनोट गरेको छ । तीमध्ये पनि छानिएका ३० तस्बिरहरु :
प्रशिक्षणमा अमेरिकी सेनाले चलाएको मिसाइल ।  


बर्मेली मुस्लिम शरणार्थीहरु ।

फ्रान्सेली कार्टुन पत्रिका चार्ली एब्दोमा भएको आक्रमणको विरोधमा निकालिएको जुसुलमा पत्रिकाका दीवंगत सम्पादकका आँखाको तस्बिर ।

जर्मन चान्सलर एन्गेला मार्केल र अमेरिकी राष्ट्रपति बाराक अोबामा

बम राखेको आरोपमा एक सिरियालीलाई बन्दुक ताक्दै सुरक्षाकर्मी ।

फ्रान्समा भएको आक्रमणको विरोधमा फ्रान्सको राष्ट्रिय झन्डाको रंगमा रंग्याइएको ह्वाइट हाउस ।

एक साँझ इजरायलमा देखिएको चराको दृश्य ।


चिलीमा ज्वालामुखी विष्फोट ।

स्विट्जरल्यान्डमा स्काइडाइभिङ ।

आफ्नो परिवारसँग युरोप प्रवेश गर्न खोज्दा समुद्रमा डुबेर मृत्यु भएका सिरियाली बालक ।

नासाले जारी गरेको यो तस्बिरमा अन्तरिक्षबाट देखिएको पृथ्वीको प्रकाश ।

बेलायतको एक पार्कमा लोखर्के बोकेर उडिरहेको चरा ।


आफ्नो घरमा आगो लागेपछि बच्चाहरु सम्हाल्दै फिलिपिन्सकी एक आमा ।



यद्धले ध्वस्त भएको प्यालेस्टाइन ।

अफ्रिकाको एक रुखमा सिंहहरु ।

धान रोप्ने तयारीमा चीनको खेत ।


युरोप प्रवेश गर्दै सिरियाली शरणार्थीहरु ।


खेल चलिरहेका बेला विष्फोटको आवाज अाएपछि पेरिसको रंगशालामा भएको भागदाैड ।

पानी जहाजको बाटो अवैधरुपमा युरोप प्रवेश गर्न खोज्ने सिरियाली ।

ह्वेलमाथि एउटा सिल ।

रेलमुनिबाट सीमा काट्दै शरणार्थी ।

यो वर्षकी सर्वाधिक सफल गायिका एडेल ।



Sunday, November 15, 2015

छठिक पहिल दिन अरबा अरबाईन

कातिक २९, जनकपुर । श्रद्धा, भक्ति आ सम्पूर्ण तराईके साझा सांस्कृतिक प्रतिबिम्बके रुपमे मनाओल जाएबला छठि पावनि रबिदिनसँ धार्मिक परम्परा अनुसार हर्षोल्लासके सँग मनाओल जारहल अछि ।

सत्य आ अहिंसाप्रति मानवको रुचि बढाबयबला आ सब जीवप्रति सहानुभूति राखय अभिप्रेरित करयबला तराईवासीके महान् चाड अछि, छठि पावनि । तराईके सब जातजातिके साझा रुपमे मनाबयके अई पावनिके विशेषता अछि । सूर्य उपासना परम्पराके मोहक पद्धति मानलगेल संसारमे याह एकटा एहन पावनि अछि जाहिमे डुबैत आ उगैत सूर्यके पूजा कएल जाइत अछि । अहि पावनिामे आवश्यक सरसामानके जुटाब लेल तराईमे एक महिना आगुएसँ लोकसभ लगैत अछि ।
विशेष क तराईवासीके कात्तिक शुक्लपक्षमे मनावयबला ई पावनि चारि दिनधरि मनाओल जाईत अछि । कात्तिक महिनाके चौथीसँ व्रत ल ई पावनिके मनावय सुरुवात कएल जाति अछि आ सप्तमीके भिन्सर ई  पावनिके समापन कएल जाति अछि । पहिल दिन अर्थात् चतुर्थीके दिनके ‘अरबा–अरबाइन’ या नहाय खाए सेहो कहल जाति अछि । अहि दिनमे व्रतालुसब नदी, खोला, पोखरी आ तलाउ सहितक जलाशयमे जा क नहाए क शुद्ध भ पवित्र खाना खाईत अछि । व्रतीसब भोजनमे माछमाउस, लहसुन, प्याज आ मरुवा जेहन वस्तुके परित्याग क अहिदिनसँ व्रत राखय लगैत अछि ।

पञ्चमी तिथि दोसर दिनके ‘खरना’ अर्थात् पापके क्षय सेहो कहल जाति अछि । खरना छठि पावनिके एक दिन आगु भेलासँ अई दिनमे व्रतालुसब दिनभरि निर्जला व्रत करैत छथि आ साँझमे नहा म पवित्र भ अपन कुल देवताके नयाँ चुल्हासँ बनाओल गेल प्रसाद चढाओल जाति अछि । प्रसादके रुपमे विशेष क पाकल केरा आ खीरके लेल जाति अछि । ओकरबाद गाईके गोबरसँ निप क अरबा चाउरके आँटासँ बनल पिठारसँ भूमि पवित्र क व्रतीसब रातिमे चन्द्रमाके खीर चढाक वायह प्रसाद ग्रहण करैत अछि । अहि दिनके बाद व्रतीसब पूर्ण व्रत लैत छथि ।

Thursday, October 15, 2015

दशमीक आई तेसर दिन शक्तिस्वरुपा माता चन्द्रघण्टाके पुजा कएल जारहल

२८ आसिन, जनकपुरधाम । हिन्दुसबहक महान पावनि दशमीक आई तेसर दिन शक्तिस्वरुपा माता चन्द्रघण्टाके पुजा कएल जारहल अछि ।

दशमीक दोसर दिन बुधदिन माता ब्रम्हचारिणीके पुजा कएल गेल छल त आइ माता चन्द्रघण्टाके पुजा कएल जा रहल अछि ।
राक्षस महिँसासुरके नष्ट कएने माता दुर्गाके दशमीक दशो दिन बिभिन्न ९ टा स्वरुपके पुजा कएल जाएत अछि । आजुक दिन से हो उच्चपिठ, शक्तिपिठ तथा दुर्गा मन्दिर लगायत घर घरमे समेत माता चन्द्रघण्टाके पुजापाठ कएल जा रहल  अछि । अहि अवसरमे गाम गाम सँ शहरधरि बिभिन्न ठाउँमा माता दुर्गाके माटिक प्रतिमा बना समेत पुजा पाठ कएल जा रहल अछि । पुजाके लेल जनकपुरक राजदेवी मन्दिर, बौद्धीमाइ मन्दिर सहित नेपाल भारतक बिभिन्न दुर्गा मन्दिरसभमे श्रद्धालुसभहक भिड लागल अछि  । मन्दिरसभके सजाएल गेल अछि त बहुतो ठाम साँझक समयमे भजन सँध्या कार्यक्रमसभ सेहो कएल जाति अछि । जनकपुरक मन्दिरसभमे भिन्सरेसँ श्रद्धालुसबहक भिड लागल अछि ।  जनकपुरक रामानन्द चौक, दुर्गा चौक , बिद्यापति चौक सभपर माटिक प्रतिमा बना पुजा पाठ कएल जारहल अछि ।

Tuesday, October 13, 2015

विजयादशमीको पहिलो दिन कलश स्थापना गरी घटस्थापना मनाइँदै

२६ असोज, जनकपुरधाम । विजयादशमीको पहिलो दिन मंगलबार घरघरमा कलश स्थापना गरी घटस्थापना मनाइँदै छ । आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदाका दिनलाई घटस्थापना गरिन्छ । आजैदेखि नवरात्र आरम्भ हुन्छ ।

घटस्थापनाका दिन दियो, गणेश र कलशको पूजा गरी घटस्थापना गर्ने र शक्तिस्वरुपा महाकाली, महालक्ष्मी र महासरस्वतीको पूजा गर्दै जमरा राखिने गरिन्छ ।
आज कलशको स्थापना गरी नदी, खोला, बगर या आफूलाई पायक पर्ने ठाउँमा गई चोखो बालुवा या माटो ल्याई दसैं घर वा पूजाकोठामा राखी त्यस ठाउँमा जमरा उमार्न जौ छर्ने प्रचलन रहेको छ ।
जौलाई वैदिक यज्ञका लागि अत्यावश्यक वस्तु मानिन्छ । माता भगवतीलाई मन पर्ने वनस्पतिमा जमरा पनि एक भएकाले भगवतीलाई खुसी पार्नका लागि जमरा उमार्ने गरिएको छ ।
यसरी उमारिएको जमरा विजयादशमीका दिन देवीको प्रसादका रुपमा लगाउने गरिन्छ ।
कलश स्थापनाका लागि विहानको ११ बजेर १५ मिनेट देखि १२ बजेर ३ मिनेट सम्म घटस्थापना गर्दा शुभ रहने ज्योतिष पण्डित धनानन्द शर्मा घिमिरेले  जानकारी दिए ।
दशमीको आज पहिलो दिन माता शैलपुत्रीको पुजा गरिदैछ । पर्वतको राजा हिमालयको पुत्रीका रुपमा उत्पन्न भएकाले शैलपुत्रीको नामबाट चिनिन्छ । राक्षस महिँसासुरको नष्ट गरेकी माता दुर्गाको दशमीका दशैे दिन बिभिन्न ९ वटा स्वरुपको पुजा गर्ने गरिन्छ ।
आजका दिन उच्चपिठ, शक्तिपिठ तथा दुर्गा मन्दिर लगायत घर घरमा समेत बालुवामाथि जौ छर्केर कलश स्थापना गरिन्छ । आज छरिएको जौबाट उम्रेको जयन्तीलाई बिजया दशमीका दिन आशिर्बाद स्वरुप शिरमा लगाईन्छ ।
यस अवसरमा गाउँ गाउँदेखि शहरसम्म बिभिन्न ठाउँमा माता दुर्गाको माटोको प्रतिमा बनाई समेत पुजा पाठ गरिदैछ । पुजाका लागि जनकपुरको राजदेवी मन्दिर, बौद्धीमाइ मन्दिर सहित नेपाल भारतका बिभिन्न दुर्गा मन्दिरहरुमा श्रद्धालुहरुको घुँईचो लागेको छ ।

Tuesday, June 30, 2015

आई असार १५ अर्थात धान दिवस

असार १५, जनकपुरधाम । आई असार १५ अर्थात धान दिवस । धनुषा सहितक देशके विभिन्न स्थानमे  धान दिवस धान रोपनी क मनाओल जारहल अछि ।

संयुक्त राष्ट्रसङ्घ सन् १९६६ के भुकमरीसँ मुक्त नारासहित धानबालीके वर्ष बालीके रूपमे मनावयके घोषणा केने छल । नेपाल विसं २०६२ सँ असार १५ के धान दिवसके रूपमे मनाबिरहल अछि ।
वर्षेपिच्छे कृषिमे परनिर्भरता बढैत गेलाक कारण  उत्पादन बढावयके उद्देश्यसँ नेपालमे धान दिवस मनावय लागल अछि ।
धानबालीके लेल योग्य कूल करिब १४ लाख २५ हजार हेक्टर जमिनमेसँ असार १४ धरि ८ प्रतिशतमात्रे रोपनी भेल कृषि मन्त्रालयके सहप्रवक्ता शङ्करप्रसाद सापकोटा जानकारी देलन्हि ।

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