Monday, January 02, 2012

चीनके आठ बच्चा वाली महिला चर्चामें


१८ पुष बीजिंग । चीनमें एक महिलाके आठ बच्चा सरकारके नाकमें दम कऽ देने अछि । मात्र एक बच्चाके नीतीबला चीनमें एक परिवारमें आठ बच्चाके भेलासँ चिन्ताक बिषय बनल अछि ।

चीनके मीडियाके अनुसार इ महिला २ टा सरोगेट मदरके मदत लेने छलिह । अहिमे सँ एक गोटे ४ लड़काके जन्म देलक तऽ दोसर ४ लड़कीके । मुदा एक सरकारी पत्रिकामे कहल गेल अछि जे महिला २ टा बच्चाके अपने जन्म देलिह आ  आओर ६ टा बच्चाके लेल सेरोगेसी के सहारा लेने छल ।

रिपोर्टोके अनुसार इ दंपती आइ वी एफ़ पर १० लाख युआन यानी करीब ८५ लाख रुपैया खर्च केने अछि । चीनमें एहन प्रबिधिके प्रयोग पर रोक लगाओल गेल अछि । जनसंख्या पर नियन्त्रणके लेल चीनमें एकटा सँ बेसी बच्चा भेला पर जरिवाना तिरय परैत अछि ।

दुनु पक्ष अपने अपने अडानमे


काठमाडौं, पुस १८ । माओवादीके जारी केन्द्रीय समितिक बैसारमे अध्यक्ष पुष्पकमल दाहाल आ बरिष्ठ उपाध्यक्ष मोहन वैद्य समूह अपन अपन जिद पर अडल अछि ।

 संस्थापन पक्ष वैद्यके राजनीतिक दस्तावेजसँ शान्ति आ संविधान प्रक्रिया अबरुद्ध हाएत आरोप लगौलक अछि । वैद्य पक्षधर  दाहालके प्रतिवेदनसँ पार्टी कार्यदिशा आ क्रान्तिके बाट छोडने आरोप दोहोरौलक अछि ।

बेसी केन्द्रीय सदस्यसब दुनु प्रस्तावके मिला कऽ पार्टी एकताबद्ध बनावयमे जोड देने पोलिट्ब्युरो सदस्य हरिबोल गजुरेल जानकारी देलनि । हुनका अनुसार केन्द्रीय सदस्यसबके बाजयके क्रम जारी रहलासँ बैसार आरो दु दिन हाएत ।

सरकार घोषणा केने लगानी वर्ष सन् २०१२ के तयारी


१८ पुष काठमाण्डौ । सरकार घोषणा केने लगानी वर्ष सन् २०१२ के तयारी करय आइ लगानी बोर्डक बैसार भेल अछि ।

प्रधानमन्त्री तथा मन्त्रीपरिषद्क कार्यालय सिंहदरबारमे बैसल बैसारमे लगानीके क्षेत्र आ विदेशी लगानी आकर्षित करयके विषयमे बिमर्श भेल अछि । प्रधानमन्त्रीके अध्यक्षतामे गठित बोर्ड पुर्णता पौअलाबाद पहिल बेर बैसल बैसारसँ जलविद्युत, पर्यटन, कृषि, निर्यात आ पूर्वाधार सहितक ५ टा प्राथमिकता क्षेत्र तय करैत वर्षभरि करयके कार्यक्रमसब तय केने बोर्डक कार्यकारी अधिकृत राधेस पन्त जानकारी देलनि ।

ठण्डासँ कठुवा कऽ महोत्तरीमे आओर एक गोटेके मृत्यु


१८ पुष महोतरी । महोत्तरीके पशुपतिनगरमे बितलराति ठण्डासँ कठुवा क एक बृद्धाके मृत्यु भेल अछि ।

मृत्यु होवयबलामे पशुपतिनगरके ७० वर्षक सीता देवी तत्मा रहल अछि । अहिके सँगे महोत्तरीमे ठण्डीसँ कठुवा कऽ मरयबलाके सङ्ख्या २८ पहुँचल अछि ।

अहिबिच पूर्वपश्चिम राजमार्ग अन्तर्गत कपिलवस्तुके बरकुल पुर गाविस वाड नम्बर ९ डुमरा मे आइ सडक दुर्घटनामे परि एक गोटेके मृत्यु भेल अछि ।

दुर्घटनाक बाद क्षतिपूर्तिके माँग करैत मृतकके परिवारजन तथा स्थानीयबासीसब ३ घण्टा राजमार्ग अवरुद्ध केने छल । सहमतिके बाद बन्द खुलाओल गेल अछि तऽ ठक्कर देवयबला गाडीके पहिचान होवय नहि सकलासँ खोजी कार्य भऽ रहल पुलिस जनौलक अछि ।

१५ सालके पुतौहके तहखाना में राखल गेल


१८ पुष काबुल । राष्ट्रपति हामिद करजई कहलनि जे पुलिस ओइ परिवारक सदस्यके गिरफ्तार करत जाहि पर  बितल ६ महिनासँ अपन १५ बर्षक पुतौहके यातना देवयके आ गैर कानूनी तरीकासँ बन्दी बना कऽ राखयके आरोप अछि । परिवार पर नाबालिग पुतौहके अपराधक दुनियाँमे प्रबेश करावयके कोशिश केने सेहो आरोप लगाओलगेल अछि ।

वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारीसँ भेटघाट केलाक बाद करजई एक बयानमें कहलनि जे जे कियो १५ वर्षम सहर गुलके यातना देवयमे सहभागी अछि । ओकरा सजाय जरूर देल जाएत । एक पुलिस अधिकारी बतौलक अछि जे उत्तर पूर्वी बघलान प्रांतमें गुलके ओकर सासुरके  लोकसब ६ महीनाधरि एकटा तहखानामें रखने छल । आ केश खिचैत हुनकर आँगुर तोडि देने अछि ।

गुलके अखन अस्पतालमे इलाज चलि रहल अछि आ जन स्वास्थ्य एवं महिला कल्याण के मंत्री तथा सरकार के मानवाधिकार आयोगके प्रमुख गुलके सासुरके लोकसबके तुरंत गिरफ्तार करयके माँग केने अछि ।

आममाफीविरुद्ध धर्नामे बैसल अधिकारकर्मीसब गिरफ्तार


१८ पुस, काठमाडौं । द्वन्द्वकालमे भेल सब घटनामे आममाफी देवय लागल कहैत सिंहदरवार दक्षिण गेटमे धर्नामे बैसल अधिकारकर्मीसबके पुलिस गिरफ्तार केलक अछि ।

द्वन्द्वकालमे भेल बलत्कार बाहेकके घटनामे आममाफी लेवय जका वेपत्ता खोजविन आ सत्य निरुपण तथा मेलमिलाप आयोग गठन सम्वन्धि विधेयक पारित करय लागल कहैत अधिकारकर्मीसब धर्नामे बैसल छल । आममाफीविरुद्ध नागरिक सञ्जालके व्यानरमे दक्षिण गेटमे धर्नामे बैसल चरण प्रसाई, कपिल श्रेष्ठ सहितक ४५ गोटे अधिकारकर्मीके पुलिस निषेधित क्षेत्र तोड्ने कहैत गिरफ्तार केलक अछि ।

धर्नामे बैसय आगु अधिकारकर्मीसब सभामुख सुवास नेम्बाङके ध्यानाकर्षण पत्र बुझौने छल । ध्यानाकर्षण पत्रमे विधायन समितिमे विचाराधीन अवस्थामे रहल विधेयकके संशोधन नहि कऽ हुबहु रुपमे पारित करयके माँग कएलगेल छल । अधिकारकर्मी विधेयकके दलसब संशोधन कऽ अममाफी देवय जका पारित करय लगलामे आपत्ति जनौलक अछि ।

ध्यानाकर्षण पत्रमे गम्भीर प्रकृतिके अपराधमे संलग्नसबके आममाफी देवय जका राजनीतिक सहमति नहि करय , मानव अधिकार सम्बन्धी अन्तराष्ट्रिय मूल्य मान्यताके ध्यान देवय आग्रह कएलगेल अछि ।

सत्य निरुपण तथा मेलमिलाप आयोग आ बेपत्ता छानविन आयोग गठन सम्बन्धी विधेयक हाल व्यवस्थापिका-संसद् विधायन समितिमे विचाराधीन अवस्थामे रहल अछि । विस्तृत शान्ति सम्झौतामे ओ आयोगसब गठन करयके उल्लेख भेल छल । मुदा हालधरि आयोग गठन सम्बन्धी विधेयक पारित नहि भेलाक कारण आयोग गठनमे अबेर भऽ रहल अछि ।

सम्झनामा राजा वीरेन्द्र


विसं २०५५ मा चीनका लागि राजदूत नियुक्त भएपछि करबि आधा दर्जनपटक तत्कालीन राजा वीरेन्द्रसँग भेटघाट र कुराकानी गर्ने अवसर मिल्यो । यहाँ उल्लेख गर्न लागिएको प्रसंग भने राजा वीरेन्द्रको चीनको १०औँ तथा अन्तिम राजकीय भ्रमणको हो । राजारानीको उक्त भ्रमण १५ देखि २१ फागुन ०५७ मा भएको थियो । भ्रमण सुरुमा बेइजिङ्बाट गर्ने तय भए पनि चिनियाँ राष्ट्रपति जियाङ् जमिनले १६ फागुनमा हाइनान प्रान्तको बोआओमा 'बोआओ फोरम फर एसिया'को उद्घाटन गर्ने कार्यक्रमका कारण त्यसमा हेरफेर भयो । त्यस क्रममा राजारानीको भ्रमण पनि हाइनानबाटै सुरु गरी बोआओ फोरमको उद्घाटन समारोहमा राष्ट्रपतिका विशिष्ट अतिथिका रूपमा सरकि हुँदै सम्बोधन गर्दा कस्तो हुन्छ भनी चिनियाँ परराष्ट्र मन्त्रालयका उपमन्त्रीको सुझाव आयो । लामो विचार-विमर्शपछि भ्रमण हाइनानबाटै सुरु गरी औपचारकि राजकीय भ्रमण भने बेइजिङ्बाटै गर्ने सहमति भयो । आफ्ना राष्ट्राध्यक्षबाट बोआओ फोरममा सहभागिता जनाउँदै सम्बोधनसमेत हुने कुरा मेरा लागि एक सुखद पक्ष थियो ।

१५ फागुनका दिन राजारानीको सवारी हाइनान प्रान्तको राजधानी हाइकुमा भयो । उक्त प्रान्तका गभर्नरसँग साँझको भेटवार्तापछि उनले दिएको रात्रिभोजमा राजारानीसहित भ्रमण दलका हामी सबै सहभागी भयौँ । उक्त भोजका क्रममा दुई विषयले मलाई निकै चिन्तित तुल्याए । पहिलो, नेपाली उद्योग-वाणिज्य क्षेत्रका अगुवाहरूले के कुरा गर्दा हो कुन्नि उनीहरूबीच हाँसो चल्यो । रानी ऐश्वर्यले के हो भनेर राजासँग सानो स्वरमा सोधे पनि मेरो मनमा भने ठूलो ढ्यांग्रो ठोकियो । किनभने, रानी अलि कडा स्वभावकी भएको सबैले सुने-बुझेकै थिए । तर, राजाले सानै स्वरमा 'व्यापारी' भनेर रानीको जिज्ञासा शान्त पारेपछि केही ढुक्क भएँ । अर्को कुरा थियो, भोलिपल्ट बिहान चिनियाँ राष्ट्रपतिसँगै फोरमको उद्घाटन कार्यक्रमभन्दा अघि हुने संक्षिप्त भेटघाटमा राजाबाहेक नेपाली पक्षबाट सम्मिलित हुने पदाधिकारीहरूको नामावलीको विवरण । त्यसबारेमा चिनियाँ पक्षबाट निकै दिनअघिदेखि जानकारी माग भइरहेको थियो । तर, अघिल्लो दिनसम्म पनि न दरबार न त सरकारबाट नामावली प्राप्त भयो । यसबाट म र चिनियाँ पक्ष उत्तिकै चिन्तित थियौँ । अघिल्लो साँझ डिनरकै टेबुलमा पनि चिनियाँ पक्षले मसँग पुनः नामावली माग्यो । मैले सानो चिट लेखेर नजिकै बसेका परराष्ट्र मन्त्री चक्र बाँस्तोला र दरबारका संवाद सचिव मोहनबहादुर पाण्डेसँग नामावली दिन पुनः अनुरोध गरेँ । परराष्ट्रमन्त्रीबाट 'तपाईं आफैँ राजासँग सोध्नूस्' भन्ने जवाफ आयो । के कस्तो बाध्यताले हो कुन्नि उहाँहरू दुवै जना नामावली उपलब्ध गराउन असमर्थ हुनुहुन्थ्यो । डिनर सकिएपछि गाडी चढ्ने बेलामा परराष्ट्र मन्त्रीले 'सरकार ! राजदूतले भोलि राष्ट्रपतिसँगको भेटघाटमा हाम्रो पक्षबाट को को सहभागी हुने भनी सोधिरहनुभएको छ ?' भन्दा राजाबाट 'मन्त्री, राजदूत, संवाद सचिव र परराष्ट्र सचिव' भनी सहजै उत्तर आयो । यसले कैयौँ दिनदेखिको मेरो मनको बोझ सहजै हलुका भयो र सोही कुरा मैले चिनियाँ पक्षलाई तत्काल अवगत गराएँ ।

१६ फागुनको बिहान करबि डेढ घन्टाको बाटो तय गरी हामी हाइकुबाट बोआओ समारोह स्थल पुग्यौँ । राजाले परराष्ट्र मन्त्रीलाई आफ्नै गाडीमा बसाएर लैजानुभयो । समारोहस्थल पुगेपछि चिनियाँ राष्ट्रपतिसँग करबि १० मिनेट दुई देशबीचको आपसी हित र मित्रताका बारेमा कुराकानी भयो । उक्त अवसरमा राजासँग मन्त्री बाँस्तोला, म, संवाद सचिव पाण्डे र परराष्ट्र सचिव नारायणशमशेर थापा थियौँ भने चिनियाँ पक्षबाट उप-प्रधानमन्त्री छ्याङ् छि छन, विदेश उपमन्त्री वाङ् वी र चिनियाँ राजदूत चङ् सुयोङ् सम्मिलत थिए । २४ देशका प्रतिनिधिहरूले भाग लिएको बोआओ फोरम फर एसियाको औपचारकि उद्घाटन समारोहमा चिनियाँ राष्ट्रपतिले स्वागत मन्तव्य राखेपछि राजा वीरेन्द्रले पहिलो वक्ताका रूपमा सम्बोधन गर्नुभयो । मलेसियाका पूर्वप्रधानमन्त्री महाथीर मोहम्मद उक्त समारोहको प्रमुख वक्ताका रूपमा सहभागी हुनुहुन्थ्यो ।

१७ फागुन दिउँसो हाइकुबाट राजारानीसहित भ्रमण टोली चढेको विमान राजधानी बेइजिङ्तर्फ उड्यो । हवाईजहाजको विशेष कक्षमा राजारानीका साथ अधिराजकुमार नीराजन, मन्त्री बाँस्तोला, म र नेपालका लागि चिनियाँ राजदूत चङ् सपत्नी थियौँ । जहाजमा चिनियाँ पक्षले फोटोग्राफरको व्यवस्था पनि गरेको रहेछ । फोटो खिच्नका लागि उनले राजारानीसँग अनुरोध गर्दा राजाबाट सहजतापूर्वक स्वीकृति प्राप्त भयो । उडानको निकै समयसम्म फोटो सेसन चल्यो । पटक-पटक उठ्दै बस्दै राजदम्पतीले हामीसँग फोटो खिचाउनु हाम्रा लागि अविस्मरणीय अनुभव थियो । तस्िबरमा राजारानीले दस्तखतसमेत गरििदएपछि त झन् हामी आजीवन ऋणी नै भयौँ । विमान परचिारकिाहरूले अधिराजकुमार नीराजनसँग तस्िबर खिच्न आग्रह गर्दा उहाँले राजातर्फ पुलुक्क हेर्दै अनुमति माग्नुभयो र पाउनु पनि भयो । चिनियाँ राजदूतको अनुरोधमा उनीहरूसँग पनि र राजदूतपत्नीहरूसँग रानीको पनि छुट्टै फोटो सेसन भयो । यसरी बडो रमाइलो वातावरणमा साढे तीन घन्टाको उडान समय बितेको थियो ।

सबैसँग घुलमिल गर्ने, सबैको विचार सुन्ने र छलफल गर्ने राजा वीरेन्द्रको विशिष्ट गुण थियो । त्यही अनुरूप बेइजिङ् पुगेको साँझ सरकारी गेस्टहाउस दियोताइमा करबि डेढ घन्टा मन्त्री, राजदूत, सचिवद्वयका साथै हङ्कङ् र ल्हासाका महावाणिज्यदूतहरू क्रमशः जैनेन्द्र जीवन र शंकरप्रसाद पाण्डेसँग भोलिपल्ट चिनियाँ राष्ट्रपतिसँग हुने भेटघाटमा गर्ने कुराकानीका विषयवस्तुमा राजाबाट राय माग भयो । विगत ३० वर्षदेखि राजाका रूपमा देश-विदेशको प्रत्यक्ष अनुभव सँगाल्नुका साथै दसौँपटक चीन भ्रमण गरेर राष्ट्रिय-अन्तर्राष्ट्रिय परििस्थतिको उहाँजस्तो विशिष्ट ज्ञाताका अगाडि हामीले के नै पो नयाँ कुरा राख्न सक्थ्यौँ र ! तैपनि, मैले 'चीनले कृषि क्षेत्रमा हासिल गरेको उपलब्धिबारे जानकारी गराउँदै नेपालमा कृषि क्षेत्रको विकासमा चिनियाँ सहयोग लिन सके त्यसबाट हाम्रो देशको राष्ट्रिय आम्दानी वृद्धि गर्न सघाउ पुग्नुका साथै गरबिी न्यूनीकरण गर्ने कार्यमा पनि योगदान पुग्न जान्छ' भन्ने सुझाव दिएँ । उपस्िथत अरूले पनि आ-आफ्नो क्ष्ाेत्रसँग सम्बन्धित कुरा राख्नुभयो । अन्त्यमा राजाबाट 'चीन र भारत दुवैलाई नेपालको पूर्वाधार विकास गर्ने कार्यमा ड्याम्मै ल्याउनुपर्छ' भन्ने विचार आयो ।

१८ फागुनका दिन बिहान बेइजिङ्नजिकैको एकीकृत कृषि विकास र्फमको अवलोकन भ्रमण हामी सबैका लागि लाभप्रद रह्यो । साताअघि मात्र नेपाल भ्रमण गरी फर्केका चिनियाँ रक्षामन्त्री ची हाउ थिनले बेइजिङ्मा पनि राजासँग भेट्ने इच्छा राखेपछि पूर्वनिर्धारति कार्यक्रम नभए पनि उहाँसँग अनौपचारकि रूपमा भेट गर्नुभयो । सोही दिन साँझ ग्रेट हल अफ द पिपुलमा चिनियाँ राष्ट्रपतिद्वारा राजारानीको सम्मानमा विशेष स्वागत समारोहको आयोजना गरयिो । त्यसपछि दुवै राष्ट्रप्रमुखका बीच करबि आधा घन्टा छुट्टै भेटवार्ता भएपछि दुवै पक्ष्ाका समूहबीच औपचारकि वार्ता सुरु भयो ।

राजालाई यसपल्ट बोआओपछि पुनः बेइजिङ्मा स्वागत गर्न पाउँदा खुसी लागेको बताउँदै राष्ट्रपतिले राजा वीरेन्द्र चिनियाँहरूका असल, भरपर्दो र पुराना मित्र रहेको बताउँदै नेपाल-चीनबीचको परम्परागत मित्रताको स्मरण गर्नुभयो । राष्ट्रपति निवासबाटै देखिने नेपाली कलाकार अरनिकोले बनाएको श्वेत पेगोडा देख्दा नेपालसँगको घनिष्ट मित्रताको स्मरण हुने गरेको पनि उहाँले उल्लेख गर्नुभयो । राजाबाट एक चीन नीतिप्रतिको कटिबद्धता दोहोर्‍याउँदै नेपालको आर्थिक, सामाजिक विकासमा चीनले पुर्‍याएको सहयोगका लागि धन्यवाद ज्ञापन गर्दै करबि ७१ किलोमिटर लामो बाग्लुङ-बेनी-जोमसोम राजमार्ग निर्माणका लागि चिनियाँ सहयोगका लागि आग्रह गर्दा राष्ट्रपतिले सकारात्मक प्रतिक्रिया दिँदै नेपालले अवलम्बन गरेको एक चीन नीतिप्रति आभारसमेत प्रकट गर्नुभयो । राजाबाट कुराकानीका क्रममा बीचबीचमा मन्त्री बाँस्तोला र मपट्ट िहेर्दै 'अरू केही भन्नु छ' भनी सोधेर संवैधानिक राजाको धर्म निर्वाह गर्दै आफ्नो सादगीको अमिट छाप पनि छोड्नुभयो । द्विपक्षीय वार्तापछि ग्रेट हल अफ द पिपुलमै राष्ट्रपति ज्याङ् जमिनबाट राजारानीका सम्मानमा आयोजित औपचारकि राजकीय भोजमा उहाँहरूप्रति विशेष सम्मान प्रकट गर्न राष्ट्रपति जमिनले गीत गाएर राजकीय भोजको वातावरणलाई अविस्मरणीय र विशिष्ट बनाई दिनुभएको थियो । उक्त अवसरमा चाँदनी शाहद्वारा रचित गीतका सुमधुर धुन बजाई रात्रिभोजको वातावरणलाई थप आत्मीय एवं रंगीन पारएिको थियो । रात्रिभोजबाट गेस्टहाउस फर्केपछि उहाँहरूसमक्ष पहिलेजस्तै भोलि हुने भेटघाट र अन्य कार्यक्रमहरूबारे जानकारी गराउँदै आवश्यक छलफलसमेत भयो ।

भोलिपल्ट राजाले चिनियाँ उपराष्ट्रपति -हालका राष्ट्रपति) हु जिन्ताओ, राष्ट्रिय जनकांग्रेसका अध्यक्ष लि फङ् तथा प्रधानमन्त्री झु रोङ्जीसँग छुट्टाछुट्टै भेटवार्ता गर्नुभयो । त्यस अवसरमा राजाबाट नेपालमा चिनियाँ लगानी वृद्धि गर्न विशेष आग्रह गरएिको थियो । प्रधानमन्त्री झुले बाग्लुङ-बेनी-जोमसोम राजमार्ग बनाउन पहल गर्ने बताउँदै दलाई लामासँग चिनियाँ पक्षको सम्पर्क भइरहेको र चीनको अखण्डता र तिब्बतसँगको एकीकरणलाई स्वीकार गरे दलाई लामालाई चीनमा स्वागत गर्ने जानकारीसमेत दिनुभयो । उपराष्ट्रपति हुले विगतमा तिब्बतमा रही काम गर्दा भृकुटी र नेपालबारे विशेष जानकारी प्राप्त गरेको तथ्य बताउँदै भविष्यमा पनि राजारानीलाई चीनमा स्वागत गर्न पाउने आशा व्यक्त गर्नुभयो । अध्यक्ष्ा लिले चिनियाँ जनकांग्रेसबारे जानकारी दिँदै तिब्बतमा धार्मिक स्वतन्त्रता भएको कुरामा समेत प्रकाश पार्नुभयो । भेटघाटका क्रममा चिनियाँ उच्च नेतृत्व वर्गले नेपाल, नेपाली जनता र राजारानीप्रति उच्च सम्मान व्यक्त गर्दै नेपालको विकास कार्यमा सक्दो सहयोग जारी राखी आपसी सम्बन्ध थप प्रगाढ बनाउँदै लैजाने दृढता व्यक्त गरेका थिए ।

त्यस दिनको दिवाभोज राजदूताबासमा राखेका थियौँ । चिनियाँ आमन्त्रित पाहुनाहरूसँग भेटघाट र कुराकानीपछि दिवाभोजका क्रममा आफू राजदूत भएर आएपछि भएगरेका कामका बारेमा जानकारी गराउँदा राजाले हाम्रो कामको प्रशंसा गर्दै धन्यवादसमेत दिनुभयो । दिवाभोजपछि तस्िबर खिच्ने कार्यक्रमको माहोल र रौनक विशिष्ट थियो । राजारानीले उपस्िथत नेपाली विद्यार्थीहरूसहित दूताबासमा कार्यरत कर्मचारीका परविार सबैसँग बडो आत्मीयतापूर्वक घुलमिल हुँदै प्रफुल्ल मुद्रामा सबैलाई खुसी पार्दै जजसले जता भन्छन्, त्यतै गई भीडभाड केही नभनी तस्िबर खिचाएर सबैको मन जित्नुभयो । राजारानीको त्यस्तो सरल र आत्मीय व्यवहार देखेर उहाँका अंगरक्षक र सचिवहरूसमेत छक्क परेका थिए । त्यही साँझ उहाँहरूको सवारी साङ्घाईतर्फ भयो ।

२० फागुनका दिन पुदुङ् र साङ्घाईको भ्रमण र त्यहाँको विकास निर्माण र आर्थिक गतिविधिबारे जानकारी लिएपछि साँझ त्यहाँ उपस्िथत नेपाली विद्यार्थी र त्यहाँ कार्यरत नेपालीहरूसँग कुराकानी गर्नुभयो । त्यसपछि तस्िबर खिच्ने काम भयो । त्यसलगत्तै भ्रमण दलका नेपाली उद्योगी व्यापारीसँग नेपालको आर्थिक, राजनीतिक र शान्तिसुरक्षाको अवस्थाबारे राजाको तीन घन्टा लामो छलफल भयो । छलफलमा राजा नेपालमा विकसित संवैधानिक राजतन्त्र र बहुदलीय राजनीतिक गतिविधिप्रति पूर्ण सन्तुष्ट नरहेको आभास भइरहेको थियो । राजाले उद्योगी-व्यापारीहरूसँग भन्नुभयो, "उद्योग-व्यापार गर, पैसा कमाऊ तर राष्ट्रप्रतिको दायित्व नबिर्स । के अहिले देशमा भइरहेको गतिविधि, माओवादी समस्या, शान्तिसुरक्षाको अवस्था सन्तोषप्रद छ ? यसमा चित्त बुझाई बस्ने कि नयाँ ढंगले सोच्ने ?" यस्तो प्रश्न गर्दै राजाले उद्योगी-व्यापारीसँग स्पष्ट भन्न बारम्बार आग्रहसमेत गर्नुभएको थियो । परराष्ट्रमन्त्री बाँस्तोलाले राजा हाल संवैधानिक भएको उल्लेख गर्दै काम गर्दा केही त्रुटि, कमी-कमजोरी भएका होलान् तर मन्त्रिपरष्िाद्लाई राजाबाट आवश्यक सुझाव र सल्लाह दिएर कमी-कमजोरी र समस्या निराकरण गर्न सहयोग हुनुपर्ने कुरा स-सम्मान तर सशक्त रूपमा राख्नुभयो । उद्योगी-व्यापारीहरूले भने राजाको आशय अनुरूपको कुनै टिप्पणी वा प्रतिक्रिया व्यक्त गरेनन् । मन्त्री बाँस्तोलालाई पछि मैले राजाको अभिव्यक्ति गम्भीर प्रकृतिको लाग्यो भन्दै काठमाडौँ गएपछि प्रधानमन्त्री गिरजिाप्रसाद कोइरालासँग यसबारेमा यथार्थ जानकारी दिन अनुरोध गरेँ ।

यातायात व्यवासायीद्वारा आयल निगममे धर्ना


काठमाडौ, पुस १८ । राजधानीमे पेट्रोलियम पदार्थके अभाव झेलरहल यातायात व्यवसायीसब आइ नेपाल आयाल निगममे धर्ना देलक अछि । कार्यालय समय सुरु होइते व्यवसायीसब निगमके बबरमहलस्थित कार्यालयके मुख्य द्धार पर २ घण्टा धर्ना देलक अछि ।

 व्यवसायीके धर्नासँ कर्मचारीके कार्यालय प्रवेशमे वाधा उत्पन्न भेल छल । किछ दिन एम्हर राजधानी सहितक देशके विभिन्न भागमे पेट्रोलियम पदार्थक अभाव देखलगेल अछि । डिजलके अभावमे सार्वजनिक यातायात संचालनमे कठिनाई उत्पन्न भेलाबाद सहज आपूर्तिके माँग करैत यातायात व्यवसायीसब आन्दोलनमे उतरल अछि । भारतीय आयल निगम उधारी देवय बन्द केलाबाद इन्धनके अभाव भेल अछि । नेपाल राष्ट्रिय यातायात व्यवसायी संघक अगुवाईमा निगममे धर्ना देलगेल छल ।

शासकीय स्वरुपक बिषयमे बात नहि मिलल


काठमाडौ, पुस १८ संविधानक मुख्य विवादित विषय शासकीय स्वरुपम दलसबबीच सहमति होवय नहि सकल
प्रमुख तीन दलक शीर्ष नेतासबबीच आइ ओइ  विषयमे भेल बिमर्शमे कांग्रेस साशकीय स्वरुपम अपन पूर्व अडानसँ ाछु नहि  हट । अन्य दल सेहो अपन अपन अडानम कायम रहलाबाद सहमति होवय नहि सकल कांग्रेस राष्ट्रपति या प्रधानमन्त्री केउ प्रत्यक्ष निर्वाचनसँ चुनाए नहि चाहिके अपन पूराने अडानम रहल अि

अहिसँ आगु राष्ट्रपति प्रत्यक्ष निर्वाचनसँ तथा प्रधानमन्त्री संसदसँ निर्वाचित होवयबला प्रावधानम उपसमितिम सहमति भेल बताओलगेल अछि । बैसारमे कांग्रेस शान्ति प्रक्रिया आगु हि बढलासँ आपत्ति जनौने अछि   दलसबबीच फेउर बिमर्श करय जका बैसार स्थगित कएलगेल अछि । तीन दलक बैसार सम्पन्न होइते नेतासब संवैधानिक समितिक बैसारमे भाग लेने छल

देखु बीतल .वर्ष 2011 के चौंकाब बला तस्वीर

क्लाउडियाके बिच मस्ती

मोडेल रिहानाके मस्ती

विश्वके सबसँ रोमाञ्चक सडक


विश्वके सबसँ बेसी रोमाञ्चक तथा खतरनाक १० टा सडककके नामः

१. बोलिभियाके नर्थ युंगास रोड : एकरा मृत्युके सडक सेहो कहल जाइत अछि । राजधानी लापाज आ कोरिओके क्षेत्र जोडयबला इ सडक ४३ माइल लम्बा अछि ।

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