काठमाडौं, अगहन २८ । पूर्व ऊर्जामन्त्री गोकर्ण विष्ट एखुनके विद्युत प्रणालीके सुधार कऽ क लोडसेडिङ कम कएल जाऽ सकैय दाबी केलनि अछि ।
बैंक सहितक वित्तिय संस्था आ उद्योगसब सञ्चालन कऽ रहल उपकरणसबके परिचालन करय सकत तऽ १ सय ५० मेघावाट विद्युत तत्काल बढयके सम्भावना रहल दावी करैत आइ रिपोर्टर्स क्लवमे ओ अखन भेल मे सँ १० प्रतिशत चुहावट मात्रे नियन्त्रण भऽ सकत तऽ ७५ मेघावाट धरि विद्युत बढय सकयके तर्क देलनि ।
विष्ट हाल रहल विद्युत गृहके मर्मत आ सुधार करत तैयो किछ लोडसेडिङ घटाओल जाऽ सकयके दावी करैत कहलनि – ‘१ दशमलब २ मेघावाट विद्युत उत्पादन करयवला गण्डकके सामान्य मर्मत केलासँ हमरे पालमे ५ मेघावाट उत्पादन कएलगेल आ अखनो मर्मत करत तऽ ओइसँ मात्रे १५ मेघावाट विद्युत उत्पादन हाएत। अहिना मध्य मर्स्याङ्दी, कुलेखानी आ मध्यमर्साङदी सहितक किछ आयोजनामे जम्मा भेल बालु निकालल जाए तऽ किछ मात्रामे आओर विद्युत उत्पादन होवय सकत ।’
विष्ट विद्युत प्राधिकरणके नियन्त्रणमे रहल १ मेघावाटसँ कम क्षमताक २६ टा विद्युत आयोजना नीजि क्षेत्रके भाडामे दैतो किछ विद्युत बढयके विश्वास करैत बक्यौदा असुल करितो उपभोगमे कमि एलासँ लोडसेडिङ घटावय सकयके तर्क कएलनि ।
ओ एखुनक सरकार लोडसेडिङ अन्त्य करयके उपायमे नयाँ डिजेल प्लान्ट लावयके कहि बनौने योजना देश आ जनताक लेल बोझ रहल दावी करैत अपन कार्यकालमे सेहो पैघ टिम प्लान्ट खरिदके लेल प्रस्ताव केने मुदा अपने अस्विकार केने बतौलनि । ओ प्लान्ट खरिद योजनमे कमिसनके खेल भेल आशँका सेहो ब्यक्त कएलनि । ओ कहलनि– ‘डिजेल प्लान्ट नेपालक लेल उपयोगि नहि हाएत । नेपाली जनता महसुल तिरय नहि सकत ओ बोझ हाएत । भारतसँ विद्युत लावयके बात स्वागत योग्य अछि ।’
No comments:
Post a Comment